महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जयंती

उपजिलाधिकारी अभिषेक कुमार, विकास खंड कार्यालय सहित एस एस देव पब्लिक स्कूल प्रबंधक सुबास चंद्र कुशवाहा झंडा रोहण तथा प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते

गाजीपुर के जमानियां नगर पालिका परिषद कार्यालय में पालिका अध्यक्ष, क्षेत्राधिकारी कार्यालय पर, कोतवाली परिसर में सन शाइन पब्लिक स्कूल में, एस एस देव पब्लिक स्कूल में के साथ उपजिलाधिकारी अभिषेक कुमार तहसील मुख्यालय में झंडा फहराने व महात्मा गांधी जी, लाल बहादुर शास्त्री जी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए। उन्होंने बताया की हर साल 2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। गांधी जी को महात्मा गांधी, राष्ट्रपिता और बापू कहकर भी संबोधित किया जाता है। गांधी जी जबतक जीवित रहे तबतक अंहिसा का महत्व बताते रहे और इसीलिए 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने बताया की इस साल 155 वीं गांधी जयंती मनाई जा रही है। इस दिन को मनाने का मकसद महात्मा गांधी की उपलब्धियों और सिद्धांतों को लोगों तक पहुंचाना भी है। भारत में गांधी जंयती पर राष्ट्रीय अवकाश यानी छुट्टी होती है। गांधी जयंती के अवसर पर गांधी जी के जीवन से जुड़े कुछ तथ्य. जैसे महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 में पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। कुमार ने कहा कि गांधी जी ने लंदन में वकालत की पढ़ाई की थी। और साउथ अफ्रीका से अपना करियर शुरू किया था। तहसीलदार राम नारायण वर्मा ने बताया की साउथ अफ्रीका में गांधी जी ने नस्लीय अन्याय के खिलाफ अभियान चलाया था। वह सत्याग्रह और अहिंसक प्रतिरोध में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। उन्होंने बताया की गांधी जी ने भारत में अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ कई अभियान चलाए थे। जिनमें असहयोग आंदोलन, खिलाफत आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन शामिल थे। वर्मा ने यह भी बताया की गांधी जी अंहिसा परमो धर्म के सिद्धांत को मानते थे। और इसीलिए गांधी जयंती के दिन को अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस घोषित किया गया है। विकास खंड कार्यालय में एडीओ आईएसबी दिग्विजय सिंह ने झंडा रोहण एवं महात्मा गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रतिमा पुष्प चढ़ाने के बाद उन्होंने बताया की महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर उनकी उपलब्धियों को उजागर करने के साथ ही उनके आदर्शों को बनाए रखने का संकल्प लेते है। खासतौर से पीढ़ी दर पीढ़ी गांधी जी के शांति और अहिंसा के सिद्धांत से बच्चों का परिचय करने की कोशिश की जाती है। इसके साथ ही बच्चों को ये गुण सिखाए जाते हैं। दिग्विजय सिंह ने बताया की गांधी जी के कहे अनमोल वचन जैसे डर शरीर का रोग नहीं है। यह आत्मा को मारता है। स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है। जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे। जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। उक्त मौके पर वजाहत सिद्दीकी उर्दू बाबू, राहुल कुमार, अशोक कुमार राम, शैलेंद्र कुमार सिंह यादव, धनंजय, अवनीश कुमार आदि विभागीय कर्मी उपस्थित रहे।



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