सपना की मेहनत और पंकज के धैर्य ने बनाया पापुलर
लाख विरोध के बावजूद अपनों से कभी नहीं लड़े पंकज
कई बार जांच हुई, हर बार जांच में निकल गए बेदाग
आज हर जगह पंकज के अच्छे कार्यों की हो रही चर्चा
अजीत केआर सिंह, गाजीपुर। हमीं को कत्ल करते हैं, हमीं से पूछते भी हैं, शहीदे नाज बतलाओ मेरी तलवार कैसी है, जो कल तक साथ चलने का दम भरते थे, आज वही सड़कों पर जो आजमाते हैं उसमें तो कुछ अजनबी लोग थे जो लोग पत्थर चला रहे थे, उसमें तो कुछ अपने ही लोग थे जो पत्थर थमा रहे थे पत्थर थमा रहे थे। कुछ ऐसी ही सियासी कहानी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले स्व. शिवशंकर सिंह के सबसे छोटे बेटे पंकज सिंह चंचल की है।
पंकज के साथ जो नाम चंचल पड़ा है, वह थोड़ा कभी भी परेशान भी करता है। मगर जबसे पंकज ने अपनी पत्नी सपना सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया है तभी से उनके सामने चुनौनियां ही चुनौनियां मुंह बाए खड़ी हैं। हर तरफ अपने ही बेगानी बन गए। किसी ने जांच कराई तो किसी ने अपमानित करने की कोशिश की। मगर हर जगह वह बचते गए, वह भी बिना किसी का जवाब दिए। तभी तो इस बात की चर्चा हो रही कि सपना की भाजपा में मेहनत और पंकज सिंह का विरोधियों द्वारा किए गए सियासी हमले के बाद धैर्य नहीं खोना उनकी बड़ी ताकत बनकर सामने आई है।
आखिर सपना सिंह के पति पंकज सिंह का स्वभाव कैसा है, वह क्या करते थे। कहां से पढ़े लिखे हैं। कैसे इतनी बड़ी जिला पंचायत को चलाते हैं। पंकज के सियासी पन्नों को पलटने से पहले उनकी शैक्षिक योग्यता को जब देखा गया तो उन्होंने विद्या आश्रम जयपुर से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण किया। इसके बाद वह सीधे वहां से पुणे चले आए। यहां पर उन्होंने सिमबैसिस कालेज से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की। इसी बीच उनके बड़े भाई हरिकेश सिंह बब्लू की 2006 में मौत हो गई।
भाई के निधन से पंकज पूरी तरह से टूट गए थे। उनके पिता स्व. शिवशंकर सिंह ने सैदपुर बुला लिया। यहां पर वह आए तो पिता का पूरा कारोबार संभाल लिया। कारोबार संभालने के बाद उन्होंने सैदपुर प्रथम जिला पंचायत सीट से सदस्य का चुनाव 2010 में लड़ा और जीतकर जिला पंचायत बने। उन्होंने उस समय सपा के छोटेलाल यादव को हराया था। कम उम्र में जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद पंकज का रूझान सियासत में होने लगा।
उन्होंने 2010 में ही ठान लिया था कि एक दिन जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करके रहेंगे। 2021 में अपनी पत्नी सपना सिंह को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया और वह विजयी हुईं। इसके बाद भाजपा ने सपना को अपना उम्मीदवार बनाया और सपा के लाख विरोध के बावजूद सपना सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित घोषित हो गईं। इसके बाद से उनके अपनों ने ही पंकज सिंह को टारगेट करना शुरू कर दिया। मगर कभी हिम्मत नहीं हारी। वह लड़ते रहे और अपनी जिला पंचायत अध्यक्ष पत्नी को बेदाग साबित करा दिया। जो भी जांच रिपोर्ट आई सभी में उन्हें अफसरों ने क्लीन चीट दे दिया।
इससे यह तय हो गया कि पंकज की सियासी हस्ती को मिटाने के लिए जिले की टाप लीडरशिप ने खूब कोशिश की। मगर हर बार पंकज ने अपने आपको बचाकर निकाल लिया। आज पंकज सिंह की लोकप्रियता हर तरफ दिखाई दे रही है। विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। जब पंकज सिंह से उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बाबत पूछा गया तो उन्होंने हमारे दबंग आवाज के संवाददाता से कहा कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। ऐसे ही किसी की जय जयकार नहीं होती।
विरोधियों ने बनाया सियासी ताकतवर
गाजीपुर। जब पंकज सिंह की जिला पंचायत अध्यक्ष पत्नी सपना सिंह लोकप्रिय होने लगीं तो कुछ लोगों को अखरने लगा। यही वजह रही कि पत्नी पर सियासी हमले होने लगे। उन्हें टारगेट किया जाने लगा। हर जगह विरोधी की साजिशें रची गईं। तब उनका बिना बोले जवाब देने के लिए पंकज सिंह चंचल ने राजधानी की दौर लगानी शुरू कर दिए। नतीजा यह निकाल कि आज योगी सरकार के दर्जनों मंत्री पंकज को नाम से जानते हैं। दोनों डिप्टी सीएम उन्हें बड़े प्यार से पंकज बाबू कहकर बुलाते हैं। आने वाले दिनों में उनका एक मात्र सपना है कि सपना को प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में भेज दूं। इसके लिए सपना पूरे जिले में मेहनत भी खूब कर रही हैं।
जब पंकज पैदा हुए तो दादा पर हुआ था हमला
गाजीपुर। सैदपुर ब्लाक के अहिरौली में स्व. शिवशंकर सिंह के सबसे छोटे पुत्र पंकज सिंह चंचल जब 21 अक्तूबर 1984 को जन्म लिए तो उनके दादा जी पर जानलेवा हमला हुआ था। उसमें वह बालबाल बच गए थे। पंकज की दादी अपने इस पोते को परिवार का सबसे भाग्यशाली नाती मानती थी। यह वजह है कि पंकज सिंह काम में हाथ डालते हैं उसमें उन्हें सफलता मिलती है। साथ ही उनकी कुंडली में शत्रु हंता योग भी बना हुआ है। इस योग के पुत्र का अगर कोई विरोध करता है तो वह खुद ही पीछे जाने लगता है। पंकज के इस योग ने कई लोगों को सियासत में पीछे धकेलना शुरू कर दिया। इसलिए अब कोई पंकज का विरोध करने की भी नहीं सोचता।