सवर्ण विकास मंच की पहल पर मिलेगा रोजगारःडा. मृत्युंजय
0मुख्यमंत्री से अनुरोध करने पर शासन कर रहा है विचार
0बंद पड़ी नंदगंज चीनी मिल एवं कताई मिल की मांगी रिपोर्ट
0दोनों मिलों में उद्योग धंधा स्थापित करने का किया अनुरोध
0सवर्ण विकास मंच के प्रदेश प्रवक्ता मृत्यंुजय ने दी जानकारी
गाजीपुर। जिले की बंद पड़ी नंदगंज चीनी मिल एवं बड़ौरा बहादुरगंज की कताई मिल की खाली पड़ी भूमि में नया उद्योग स्थापित करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंभीर हो गए हैं। सवर्ण विकास मंच के अनुरोध पत्र पर शासन ने संबंधित विभागों से रिपोर्ट तलब की है।
अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले साल में नए उद्योग धंधा स्थापित होने से जिले के हजारों बेरोजगारों को रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे। इसको लेकर जिलेवासियों में खुशी का माहौल है।
सवर्ण विकास मंच के प्रदेश प्रवक्ता डा. मृत्युंजय राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए जानकारी दी कि करीब ढ़ाई दशक से नंदगंज चीनी मिल बंद पड़ी हुई है। जब नंदगंज की चीनी मिल संचालित होती थी तो जिले में गन्ने का रकबा 15 हजार हेक्टेयर से अधिक था। मगर पूर्व की सरकारों की गलत नीतियों के कारण नंदगंज चीनी मिल बंद हो गई।
मिल के बंद होने से किसानों की आय कम हो गई। यहां के किसानों का गन्ना दूसरे जिले में जाने लगा। जिससे उनके भुगतान की समस्याएं आने लगीं। सरकार की उदासनीता के कारण नंदगंज चीनी मिल बंद हो गई और यहां पर गन्ना की खेती का रकबा भी सीमिट गया। मिल के बंद होने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए। इन पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
आज मिल बंद है। उसके कलपुर्जे बिक चुके हैं। सैकड़ों के एकड़ भूमि वीरान पड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि अस्सी के दशक में जहूराबाद विधानसभा के कासिमाबाद ब्लाक के बड़ौरा गांव में सैकड़ांे एकड़ में पूर्वांचल कताई मिल स्थापित की गई। उस जमाने में यह मिल 1500 तकुए की थी। हजारों मजदूर काम करते थे। सरकार को भी हजार करोड़ों रूपये मुनाफा होता था, मगर कुप्रबंधन के कारण कताई मिल बंद हो गई। कई बार ठेके प्रथा पर भी मिल को चालू कराया गया।
फिर भी मिल नहीं चल पाई। इसके बाद सरकार ने मिल को बंद करके यहां के श्रमिकों को वीआरएस दे दिया। आज भी मिल को चालू कराने के लिए कई बार प्रयास हुए, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। प्रदेश प्रवक्ता डा. मृत्यंुजय राय ने बताया कि हमारे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोनों मिलों में नए उद्योग धंधों को स्थापित करने के लिए अनुरेध किया था।
शासन ने पत्र पर गंभीरता दिखाते हुए संबंधित विभाग से रिपोर्ट तलब की है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष से सरकार दोनों मिलों की खाली पड़ी भूमि में नए उद्योग स्थापित करने के लिए बड़ा निर्णय ले सकती है, जो जनपद के बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार का बड़ा सहारा बनेगी।