राधेमोहन सिंह का सोया भाग्य जगा गए सीएम योगी

02014 से ही सपा में कर रहे थे सियासी रूप से संघर्ष

02014, 2017, 2019 और 2022 में नहीं मिल पाया टिकट

0जिपं अध्यक्ष और सपा से सांसद रह चुके हैं राधेमोहन

0योगी ने जिले में खिलाड़ियों के बहाने खिंची सियासी रेखा

अजीत केआर सिंह,गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के सांसद रहे राधेमोहन सिंह का खोया भाग्य सीएम योगी अचानक जगा गए। सीएम ने इस दौरान खिलाड़ियों के सम्मान के बहाने गाजीपुर की सियासत में एक ऐसी रेखा खिंच दी, जिसे पार करना भाजपा के दिग्गज नेताओं के लिए मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकीन होने जा रहा है। वह चाहते तो सीएम आवास में भी बुलाकर दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित कर सकते थे, मगर उन्होंने राधेमोहन का टेम्पो हाई करने की रणनीति बनाई और वह उसमें कामयाब रहे।

इसे कश्मीर वाले साहेब की बढ़ती उम्र को देखते हुए एक बड़ा विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। सीएम योगी के सम्मान में राधेमोहन ने भीड़ जुटाकर अपनी ताकत का भी एहसास एक तरह से करा दिया। इसको लेकर गाजीपुर के दिग्गजों की नींद उड़ी हुई है।

राधेमोहन सिंह के सियासी पन्नों को पलटा जाए तो वह 2000 से 2005 तक गाजीपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। इसके बाद सपा ने सांसद बनाकर दिल्ली भेजाा। उन्होंने मौजूदा सपा सांसद अफजाल अंसारी को 2009 के लोकसभा चुनाव में धोबिया पाट पटकते हुए सियासत के किनारे लगा दिया था। हालांकि 2014 के बाद से राधेमोहन के सितारे गर्दिशों में चलने लगे। अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए सपा में मशहूर रहे राधेमोहन ने 2022 में इस्तीफा दे दिया।

इसके बाद से वह सियासी ठिकाना खोजते रहे। यही नहीं 2014, 2017, 2019 और 2022 का चुनाव सपा से लड़ने के लिए कई बार अर्जी लगाई, लेकिन उनके विरोधी रहे जमानियां के सपा नेता ने हर जगह बाधा पहुंचाई। खैर उनको सीएम योगी के दरबार में जाने का अवसर मिला तो उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। डेढ़ वर्षों में सीएम से करीब 10 बार राधेमोहन मिले। 2024 में भाजपा से चुनाव लड़ने की कोशिश की मगर साहेब की वह पसंद नहीं थे, तो टिकट भी नहीं मिला।

मेघबरन सिंह स्टेडियम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ी ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल के पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतते ही राधेमोहन का भाग्य भी अचानक जाग गया। वैसे इससे पूर्व भी उन्होंने सीएम से करमपुर आने का आग्रह किया था। मगर ऐसा नहीं हो पाया। अचानक सीएम ने अनुरोध स्वीकार किया तो राधेमोहन ने पूरी ताकत झोंक दी। अपनी पुरानी टीम को याद किया जो टीम एमएलसी चंचल के यहां जगह बना चुकी थी। इसमें कई ब्लाक प्रमुख भी शामिल थे। सभी को बुलाकर उन्होंने बैठक की और ऐतिहासिक भीड़ जुटाने को कहा। इसके बाद सभी जुट भी गए।

खेल में खेल करने के लिए जब उनकी टीम ने ताकत झोंकी तो शनिवार को उसकी सफलता का नजारा करमपुर स्टेडियम में देखने को मिला। हजारों की भीड़ देखकर सीएम गदगद थे। कार्यक्रम राधेमोहन की सियासी जमीन पर था और फसल भाजपा ने काटने की कोशिश की, मगर सीएम ने कार्यक्रम के दौरान यहां के खिलाड़ियों से लेकर संस्थापक स्व.तेजू सिंह, राधेमोहन सिंह की तारीफ की तो सियासत पर सियासत होती गई। सीएम यहीं नहीं रूके। दोनों खिलाड़ियों को एक एक करोड़ रूपये भी थमा दिए। पूरे कार्यक्रम के दौरान राधेमोहन की कुर्सी बिलकुल सीएम के बगल में लगी थी।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राधेमोहन सिंह का सियासी भाग्य आने वाले दिनों में भाजपा में किस करवट लेगा, इसका अंदाजा मौजूदा सपा सांसद अफजाल अंसारी को बखूबी पता है। यही नहीं सीएम का करमपुर में आना एक और संदेश दे रहा है कि आने वाले दिनों में गाजीपुर की सियासत में चल रही कश्मीर वाले साहेब की धमक कम होगी। क्योंकि उनका प्रयोग 2019, 2022 और 2024 में पूरी तरह से फेल रहा। इससे शीर्ष नेतृत्व भी नाराज है। और नए चेहरे की तलाश कर रहा है, जिसमें पूर्व सांसद पूरी तरह से फिट बताए जा रहे हैं। यही नहीं यहां पर अब नया प्रयोग सीएम योगी की टीम करने से नहीं चूकेगी। आने वाले दिनों में राधेमोहन ताकतवर सियासतबाज अगर बन गए तो चौंकना नहीं चाहिए।

क्योंकि उन्होंने सीएम योगी तक पहुंचने में कड़ी मेहनत की है। राधेमोहन सिंह के आने से कश्मीर वाले साहेब से लेकर एमएलसी चंचल को भी सियासी रूप से अपनी टीम की और किलेबंदी करनी पड़ेगी। वरना उसमें सेंधमारी का खतरा बढ़ जाएगा।



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