विडियो : होठो पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो - कुमार विस्वास

सोहरत न अता करना मौला
दौलत न अता करना मौला
बस इतना अता करना चाहे
जन्नत न अता करना मौला
शम्मा ऐ वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो
होटों पर गंगा हो हातों मैं तिरंगा हो

बस एक ही सदा सुने
सदा बर्फीली मस्त हवाओं में,
बस एक ही दुआ ही उठे
सदा जलते तपते सहराओं में
, जीते जी इसका मान रखें
मर कर मर्यादा याद रहे हम रहे कभी ना रहे मगर,
इसकी सज धज आबाद रहे
पर्वर्धिगार ले कर पुकार मैं तेरे द्वार पे कहता हूँ ,
होटों पर गंगा हो हाथों में तिरंगा हो



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