मरदह में नौनिहालों के राशन में लाखों का डाका

0सीडीपीओ से लेकर बाबू तक घोटाले के खेल में शामिल

0आंगनबाड़ी संघ कमजोर होने से अफसर हुए मनमाने

0मार्च और अप्रैल का राशन वितरित करने में आनकानी

0हर माह लाखों के खेल में शामिल हैं सीडीपीओ प्रशांत

0काफी खिलाड़ी किस्म के मरदह सीडीपीओ प्रशांत सिंह

अजीत केआर सिंह, गाजीपुर। जिले के मरदह ब्लाक के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आजकल कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। यहां पर सीडीपीओ प्रशांत सिंह की मिलीभगत से नौनिहालों को वितरित होने वाले राशन में खुलेआम डाका डाला जा रहा है। अभी तक मार्च और अप्रैल का राशन नहीं बांटा गया है।

कई केंद्रों पर समूहों से लेकर विभागीय अफसर मिलकर राशन को बेचकर लाखों रूपये हजम कर ले रहे हैं। इसकी शिकायत करने पर सीडीपीओ चुप्पी साध ले रहे हैं। अगर जांच हुई तो यहां पर राशन घोटाला सामने आ सकता है। गैर राजनीतिक संगठन सवर्ण विकास मंच ने सीडीपीओ प्रशांत सिंह की कलाई कमाई की आय से अधिक संपत्ति की जांच की मांग की है।

मरदह में 212 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। यहां पर तीन से छह वर्ष के बच्चों को दलिया और चने की दाल का आधा आधा किलो का पैकेट हर माह वितरित करने का आदेश है। इसके साथ सात माह से तीन वर्ष के बच्चों को तेल, दलिया और चने की दाल एक एक किलो मिलती है। जबकि तेल आधा किलो मिलता है। इसके अलावा गर्भवती धात्री महिलाओं को एक किलो दाल, डेढ़ किलो दलिया और एक पैकेट तेल वितरित किया जाता है।

अतिकुपोषित बच्चों को दो दो किलो दाल, एक किलो दलिया और एक पैकेट तेल देने के आदेश दिया गया था। मरदह के कागजी रिकार्ड देखने से पता चलता है कि अन्य ब्लाकों में राशन पहले बंटता है, मगर यहां पर राशन दो दो माह विलंब से वितरित होता है। अभी भी यहां पर मार्च और अप्रैल के राशन का कहीं अता पता नहीं है। यह खेल पहले भी हुआ था। इसी मामले को लेकर समूहों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज की थी। इस खेल में विभाग के बाबू की भूमिका काफी संदिग्ध मानी जाती है। केंद्रों का निरीक्षण नहीं करने वाली मरदह की सुपरवाइजर भी खूब मलाई काट रही हैं।

वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से वसूली करके सीडीपीओ से लेकर जिले के अफसरों तक मालामाल हो रहे हैं। रायपुर बाघपुर की आंगनबाड़ी कार्यकत्री संध्या पांडेय ने कहा कि बच्चों का राशन समय से नहीं मिलता हैै। अभी तक हम लोगों ने मार्च का राशन वितरित नहीं कर पाए हैं। इसकी शिकायत सीडीपीओ से पूर्व में कर चुके हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द बंट जाएगा। जबकि पड़ोस के ब्लाक बिरनो में मार्च तक का राशन वितरित हो चुका है।

और अप्रैल का राशन बांटने की तैयारी चल रही है। यही बात आंगनबाड़ी संघ की ब्लाक अध्यक्ष रहीं ममता अधिकारी ने कही। कहा कि राशन वितरण में विलंब हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की शिकायत से यह बात तो सच है कि पूर्व में राशन में डाका डालकर विभागीय अफसरों ने गरीब नौनिहालों को भूखा रखा। जबकि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि प्रदेश से कुपोषण को जड़ से मिटाना है। इसके लिए अतिकुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान देना है। सभी आधार कार्ड आच्छादित बच्चों को तेल, दलिया और चने की दाल समय से वितरित की जाए।।

मुख्यमंत्री के आदेश को धता बताते हुए सीडीपीओ ने पूरा राशन गड़प करने की योजना बना डाली। मगर सवर्ण विकास मंच कायस्थ विंग के प्रदेश संगठन महामंत्री अनिल कुमार श्रीवास्तव को जानकारी जब मिली तो उन्होंने हमारे संवाददाता को खबर कर दी। उन्होंने चेताया कि अगर मरदह में राशन ठीक ढंग से नहीं बंटा तो सीधे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से की जाएगी। फिर घोटाला करने वाले अधिकारी जेल में होंगे। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का बयान लेकर पूरे खेल से पर्दा हटाया गया।

सोमवार को आननफानन में सीडीपीओ ने गोदाम से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन भेजने का निर्देश दिया। सोमवार को सीडीपीओ कार्यालय के गोदाम पर भीड़ भाड़ देखी गई। आंगनबाड़ी कार्यकत्री संध्या पांडेय का कहना है कि विभागीय स्तर पर काफी मनमानी की जा रही है। लेकिन हम लोगों में एकजुटता नहीं होने के कारण दबाव नहीं बन पा रहा है। मरदह के अलावा मुहम्मदाबाद, भदौरा, कासिमाबाद, सदर, रेवतीपुर, भांवरकोल, बाराचवर में यह खेल धड़ल्ले से चल रहा है।

डीपीओ कहिन...
डीपीओ दिलीप पांडेय का कहना है कि मरदह की शिकायत को गंभीरता से ली गई है। इस मामले में सीडीपीओ को पत्र निर्गत करके जवाब मांगा जाएगा। आखिर किस वजह से मार्च का राशन अप्रैल खत्म होने पर भी नहीं बांटा गया। यह बड़ी मनमानी है। इसे हरहाल में रोका जाएगा। हमारे कार्यकाल में गड़बड़ी करने वाले सीडीपीओ के खिलाफ निदेशालय को पत्र निर्गत किया जाएगा।

सीडीपीओ ने माना मार्च का नहीं बांटा राशन
मरदह के सीडीपीओ प्रशांत सिंह ने स्वीकार किया कि मार्च का राशन हमने नहीं बांटा है। कहा कि जल्द ही राशन वितरित कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुहम्मदाबाद में भी राशन नहीं बांटा गया है। सीडीपीओ के इस बयान से यह बात सच हो चुकी है कि उन्होंने घोटाले की पूरी योजना बना डाली थी। जिसे हमारे संवाददाता ने पर्दाफाश कर दिया। यही प्रशांत सिंह हैं जो डीपीओ की मेहरबानी पर कभी चार चार ब्लाक संभालकर लाखों रूपये की धनराशि हर माह गड़प कर लेते थे।



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