कल लहुरीकाशी में युवराज की होगी गर्जना

0दबंग आवाज की खबर का दिखने लगा असर 0साइबर योद्धाओं के कार्यक्रम में नहीं दिखे युवराज

0रविंद्र जायसवाल ने साइबर योद्धाओं को दी ट्रेनिंग

अजीत केआर सिंह, गाजीपुर। कई कार्यक्रमों में उपेक्षित किए जाने के बाद युवराज की खबर जब दबंग आवाज ने चलाई तो भगवाधारियों के आंखों की पट्टी खुली और उनके कार्यक्रम आनन फानन में जारी कर दिए गए हैं। कल यानि 30 अप्रैल को युवराज लहुरी काशी में दिखाई देंगे। उनके चेहरे पर बनावटी मुस्कान भी होगी और वह लोगों से अपील करेंगे कि पारस को पारस बनाइये। तभी गाजीपुर का संपूर्ण विकास होगा। यह खबर युवराज के समर्थकों में जंगल में लगी आग की तरफ फैल गई है। कल युवराज अपनी ताकत का एहसास भी करेंगे। और वह कश्मीर वाले साहेब के विकास की गाथा भी अपनी जुबानी लोगों को सुनाएंगे।

दबंग ने बीते 28 को लिखा था कि इन तस्वीरों को जरा गौर से देखिए। तस्वीरों को गौर से देखने पर आपको एक ऐसे चेहरे की कमी खलेगी, जो लहुरीकाशी का युवराज बन चुका है। जी हां। हर रविवार को सफेद भूतों के इलाके में बैठकर साहेब को चुनौती देना वाला युवराज सोशल मीडिया के साइबर योद्धाओं के कार्यक्रम में नहीं था।

ऐसा नहीं है कि युवराज का दिल नहीं करता, पारस को पारस बनाने के लिए। मगर जो चुनावी टीम है वह कहीं और से संचालित हो रही है। जबकि वह चेहरा युवाओं के दिलों पर राज करता है। मगर सियासी परिस्थ्तिियों ने ऐसा झटका दिया कि युवराज ने मौन ही रहना बेहतर समझा।

इस कार्यक्रम के दौरान साइबर योद्धा आपस में चर्चा कर रहे थे कि आखिर काशी से वह क्यों नहीं आए। जबकि हर रविवार को चाय की चुस्की हो या फिर नाली खड़ंजा से लेकर घूरा की बतकही हो, हर जगह अपनी कुटिल मुस्कान से लोगों का दिल जीतने वाला युवराज आखिर क्यों दुखी है। इस पर भगधारियों को अवश्य विचार करना चाहिए। वरना 2024 का चौसर मीठा जहर साबित हो जाएगा।

तब साइबर योद्धा याद नहीं आएंगे। याद आएगी तो कश्मीर की ठंडी हवा और चौधुर की चौधराहट में अहंकार की बदबूदार महक। उनकी यह दूरी निश्चित तौर कश्मीर वाले साहेब के दिल को बेचैन करके रख दी है। इस खबर का असर यह रहा की युवराज को जंगीपुर विधानसभा में पांच स्थानों पर कार्यक्रम करने के लिए सूची जारी कर दी गई और कार्यक्रम भी तय कर दिए गए। सोशल मीडिया ग्रुपों पर युवराज की पिक्चर के साथ कार्यक्रम का डिटेल भी वायरल हो रहा है। अब सवाल उठता है कि आखिर युवराज को क्यों उपेक्षित रखा गया। और किसके इशारे पर रखा गया। 50000 से भी कम मतदाता वाले लोग युवराज के समाज को क्यों चुनौती दे रहे हैं। क्या उन्हें 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं जीतना है। 2019 के चुनाव का परिणाम अगर दोहराया तो फिर कभी भी साहब अपने बछड़ा को गाजीपुर की विरासत नहीं सौंप पाएंगे।



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