दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव के 1.7 लाख फ्लैटों के नहीं मिल रहे खरीदारः सर्वे

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पिछले एक साल में संपत्ति की मांग में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आयी है। एक सर्वे में यह कहा गया है।

उद्योग मंडल एसोचैम के एक सर्वे के अनुसार बिना बिके फ्लैट से क्षेत्र में अन्य शहरों के मुकाबले ज्यादा दबाव है। यहां तक कि पिछले एक साल में कीमत नीचे आयी है। सर्वे के अनुसार, "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र :एनसीआर: में रिहायशी बाजार 1,70,000 बिना बिके फ्लैट के साथ अटका पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ 90,000 मकान निर्माणधीन हैं और उन्हें सौंपे जाने में देरी हो सकती है।" इसमें कहा गया है, "नोएडा में 3 बेडरूम, दो बीएचके तथा एक रूम वाले फ्लैट के दाम में 30 प्रतिशत, गुड़गांव में 25 प्रतिशत तथा दिल्ली के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में 15 प्रतिशत दाम नीचे आये हैं लेकिन मांग कमजोर बनी हुई है।" एसोचैम ने यह सर्वे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 120 रीयल एस्टेट कंपनियों के बीच किया।

इस सर्वे के कुछ अहम तथ्य इस प्रकार हैं:

1. पिछले एक साल में दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टीज की मांग 30-35 फीसदी कम हुई है। इससे बिक्री के लिए पड़े फ्लैटों की तादाद तेजी से बढ़ी है।

2. दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव के प्रमुख बाजारों में बने एक लाख 70 हजार फ्लैटों का कोई खरीदार नहीं है।

3. अनबिके फ्लैटों की बढ़ती संख्या कीमत में सुधार करने को मजबूर कर रही है। नोएडा में 3, 2 और सिंगल बेडरूम फ्लैट्स के टिकट प्राइस में 30 फीसदी, गुड़गांव में 25 फीसदी और दिल्ली के कुछ महत्वपूर्ण इलाकों में 15 फीसदी तक सुधार हुआ है।

4. खरीदार की कमी की वजह से 90,000 उन फ्लैटों को हैंड ओवर करने में देरी होगी जो अभी अंडर कंस्ट्रक्शन हैं।

5. नई लॉन्चिंग में भी 30 से 35 फीसदी की कमी आई है क्योंकि प्रॉपर्टी डिवेलपर्स पर कैश का जबरदस्त दबाव है। भाषा



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