भाजपा में जिलाध्यक्ष को लेकर मचा घमासान

0सुनील सिंह समेत एक दर्जन नेता हैं दावेदार
0जिलाध्यक्ष को कल से नामांकन की प्रकिया होगी पूरी
गाजीपुर। भाजपा जिलाध्यक्ष पद को लेकर एक बार फिर घमासान मचा हुआ है। मौजूदा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह समेत आधा दर्जन नेता दावेदारी ठोंक रहे हैं। कल यानि 9 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। इस बार भी मनोज सिन्हा की पसंद का दावेदार ही जिलाध्यक्ष का अगला चेहरा बनेगा।
इसलिए इस कड़ाके की ठंड में भी कश्मीर की बर्फीली हवाएं दावेदारों के तन बदन में सिरहन पैदा कर रही हैं। उन्होंने मंडल अध्यक्षों के चुनाव में अपने चेहतों को ही इस कुर्सी पर बैठाया। अब जिलाध्यक्ष को लेकर कौन छुपा रूस्तम है जो सिन्हा जी की झोली से निकलेगा।
भाजपा की जिला चुनाव अधिकारी एवं राज्यसभा सांसद गीता शाक्य ने बताया कि 9 जनवरी को पार्टी कार्यालय पर दस बजे से लेकर 12 बजे तक जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन लिए जाएंगे। नामांकन पत्र मिलने के बाद जिले के जनप्रतिनिधियों की राय ली जाएगी। जनप्रतिनिधियों की सिफारिश की भी रिपोर्ट तैयार करके प्रदेश कार्यालय भेजी जाएगी।
प्रदेश स्तर से ही निर्णय होगा कि गाजीपुर का अगला जिलाध्यक्ष कौन होगा। जिलाध्यक्ष को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी उत्सुकता देखी जा रही है। कम समय के लिए जिलाध्यक्ष रहे सुनील सिंह के कार्यकाल में गाजीपुर में भाजपा को लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। अधिकारियों की मनमानी रोक पाने में जिलाध्यक्ष नाकाम रहे।
इस तरह के तमाम मौके आए जब भाजपा के कार्यकर्ता नाराज दिखे। वैसे सुनील सिंह काफी मेहनती कार्यकर्ता माने जाते हैं। देखा जाए तो जिलाध्यक्ष पद के लिए वर्तमान जिलाध्यक्ष सुनील सिंह के अलावा दुल्लहपुर के अनिल पांडेय, ओमप्रकाश राय, प्रवीण सिंह बबुआ, दयाशंकर पांडेय, अखिलेश सिंह, अखिलेश राय, धर्मेंद्र राय, राजेश भारद्वाज, मुराहू भारद्वाज, सरोज कुशवाहा, संतोष गुप्ता सहित एक दर्जन नाम ऐसे हैं जो नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।
अनिल पांडेय की पैरवी पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय कर सकते हैं। उक्त दो नामों में सर्वाधिक चर्चा प्रवीण सिंह बबुआ की है जो सिन्हा की पहली पसंद बताए जा रहे हैं। इसके अलावा ओमप्रकाश राय के मन में भी जिलाध्यक्ष बनने की लड्डू फूट रहा है।
एक और नाम सबको चौंकाने वाला हो सकता है बस्तपुर के ठाकुर मनोज सिंह का। जो मनोज सिन्हा के अति करीबी बताए जा सकते हैैं। जिस पर भविष्य में वह भरोसा करके इस कुर्सी पर बैठा सकते हैं। इसको लेकर भाजपा में चर्चाओं का बाजार गरम है। देखा जाए तो 34 मंडल अध्यक्षों के साथ ही 33 जिला प्रतिनिधि भी अपनी राय देंगे।
जिलाध्यक्ष को लेकर भले ही नामांकन पत्र दाखिल होंगे, प्रदेश कार्यालय भेजा जाएगा, मगर सब कुछ कश्मीर की ठंडी वादियां ही तय करेंगी कि लहुरीकाशी में भाजपा का असली सरदार कौन होगा।
