बिहार चुनाव: ओवैसी की मुस्लिम वोट पर नजर...

किशनगंज। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव में भी दस्तक दे दी है। मुस्लिम वोट को लुभाने के लिए उसने एक चुनावी सभा में नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। साथ ही उसने सीमांचल के लिए अलग पैकेज की मांग भी की। उसकी इस रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

नीतीश और आरजेडी प्रमुख लालू यादव पर प्रहार करते हुए उन्हें बिहार के सीमांचल इलाके के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार ठहराया। किशनगंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सीमांचल के विकास का दावा धोखा और झूठ का पुलिंदा है। इस क्षेत्र में पिछड़ापन आज भी बरकरार है।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि दोनों नीतीश और लालू सीमांचल के पिछड़ेपन और लोगों के शोषण के लिए जिम्मेवार हैं। ओवैसी ने कहा कि आप सभी के साथ नाईंसाफी की गई है। हैदराबाद से तीसरी बार सांसद ओवैसी ने सीमांचल के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान एनडीए ने भी इस इलाके के लोगों की विकास के मामले में अपेक्षाओं की अनदेखी की है।

ओवैसी ने कहा कि अगर केंद्र सही मायनों में सीमांचल के विकास को लेकर गंभीर होता तो वह उसे गति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत एक विशेष विकास समिति का गठन किया होता।

ओवैसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केवल अपने पैतृक जिला नालंदा और राजधानी पटना को चमकाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि अन्य राज्यों की तुलना में सीमांचल में आने वाले जिले विकास के मामले में पिछड़ गए हैं।

उसने सीमांचल के लोगों के लिए संघर्ष का वादा करते हुए आरोप लगाया कि नालंदा जिला में शिक्षा के अधारभूत संरचना के बेहतर विकास के कारण वहां से मैट्रिक की परीक्षा पास करने वालों को 12 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति पा लेते हैं जबकि सीमांचल के जिलों के छात्र मात्र दो करोड़ रुपए पाते हैं।

उल्लेखनीय है कि किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, सहरसा के इलाकों में मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी है।



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