ऐ चांद तू किस मजहब का है...

गहमर गांव में हिंदू मुस्लिम एकता की बड़ी मिसाल

सेवराई। दबंग आवाज

नसीम खान दबंग

गंगा जमुनी तहजीब एवं हिंदू मुसलमान के भाईचारे की कई कहानियां आपको देखने एवं सुनने को मिलती होंगी। एक ऐसी ही कहानी एशिया के सबसे बड़ा गांव गहमर में देखने को मिल रही है। जहां पर अपने मुसलमान भाइयों के साथ हिंदू भाई भी बड़ी लगन और मेहनत के साथ मुसलमानों के मातमी त्यौहार ताजिया के निर्माण में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं ।

गांव के न्यू नौजवान कमेटी चिक मोहल्ला द्वारा पिछले 18 वर्षों से मुहर्रम में ताजिया का निर्माण कर मातमी जुलूस निकाला जाता है। इस कमेटी की एक खास बात यह भी है कि इसमें मुसलमानों के साथ साथ हिंदू भी इस कमेटी के सदस्य हैं। प्रत्येक वर्ष कमेटी के पूरे सदस्य पूरी ईमानदारी से अपना समय एवं पैसा दोनों खर्च कर ताजिये का निर्माण कराते हैं एवं मातमी जुलूस में अपने मुसलमान भाइयों के साथ साथ मातम भी करते हैं।

कमेटी के कोषाध्यक्ष मतलूब खान उर्फ बबलू ने बताया कि चिक मोहल्ला द्वारा तो पिछले 40 वर्षों से ताजिया उठा जा रहा है। लेकिन हमने 18 वर्ष पूर्व न्यू नौजवान कमेटी का गठन किया।

जिसमें हमारे हिन्दू भाइयों ने हमारा भरपूर सहयोग किया। पिछले 18 वर्षों से लेकर आज तक हम परस्पर एक दूसरे के सहयोगी रहे है। ताजिये का निर्माण करने वालों में मुख्य रुप से सद्दाम,अंजनी गुप्ता,सचिन गुप्ता,विनय उपाध्याय,रितेश चौरसिया, फैयाज अहमद,सोनू,धीरज,आदि लोग शामिल रहे।



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