गरीबों के सपनों की नई उड़ान है प्रतिमा

0इस सरकारी स्कूल के बच्चे लिखते हैं फर्राटेदार अंग्रेजी

0यह बच्चे अधिकांश समय करते हैं अंग्रेजी में बातचीत

0दुबहड़ का अमृतपाली प्राइमरी स्कूल नहीं लगता सरकारी

0शिक्षक हैं अलर्ट, रोजाना देते हैं गतिविधि आधारित शिक्षा

0प्राइमरी स्कूल की यहां के शिक्षकों ने बदली है परिभाषा

यूपी में बदलते प्राइमरी स्कूल

बलिया नगर। अगर प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली को गरीबों के सपनों की नई उड़ान कहें तो यह अतिशोक्ति नहीं होगी। जी हां वास्तव में यहां के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी लिखने के साथ बोलते भी हैं। यह सब देखकर अंग्रेजी माध्यम के प्राइवेट स्कूल शरमा जाते हैं। देखा जाए तो इस विद्यालय की हेडमास्टर प्रतिमा उपाध्याय ने तो प्राइमरी स्कूल की परिभाषा ही बदल दी है। पूरा विद्यालय आधुनिक साजो समान से लैस है।

हर वक्त बच्चे अंग्रेजी में बोलते हुए देखे जा सकते हैं। सच तो यह कहें कि इस विद्यालय के शिक्षकों ने पीएम और सीएम के सपनों को साकार करने का मानों बीड़ा ही उठाया हो। तो आइए आपको ले चलते हैं प्राइमरी स्कूल अमृतपाली...।

यह विद्यालय दुबहड़ ब्लाक यानी नगर से सटे अमृतपाली मुहल्ले में स्थित है। सामान्य वर्गों के लोगों का यहां निवास है। वैसे अधिकांश अमीर लोग अपने बच्चों का दाखिल अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कराया है। अमृतपाली निवासी प्रताप जो मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पालते हैं। उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि उनकी प्राइमरी स्कूल में कक्षा चार में पढ़ने वाली बेटी शीतल अंग्रेजी लिखेगी और फर्राटेदार बोलेगी भी। इसी तरह खुशी है। खुशी के पापा नहीं लेकिन अपने बुआ के रहकर पढ़ती है। यह भी अपने परिजनों के सपनों को साकार कर रही है। इसी मुहल्ले के संतोष खरवार की बेटी खुशी कक्षा चार, गुड़िया कक्षा पांच, नंदिनी, सीमा, प्रियंका, साक्षी यह सब छात्राएं अमृतपाली प्राइमरी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करती हैं।

जब इनका दाखिला यहां कराया गया तो उनके परिजनों को यह भरोसा नहीं था कि उनके बच्चे इतने टैलेंटेड हो जाएंगे। इनके परिजन आज कहते हैं कि अगर प्राइमरी स्कूलों में बेस्ट विद्यालय की गिनती सरकार करे तो उसमें अमृतपाली को भी शामिल किया जाए। यहां की हेडमास्टर प्रतिमा हमेशा बच्चों के बेहतर संस्कार और शिक्षा को लेकर फिक्रमंद रहती हैं। हम लोगों को ऐसे शिक्षकों पर नाज है जो हम गरीबों के बच्चों को अपना बच्चा समझकर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में दिनरात एक की हैं।

इस स्कूल के अभिभावकों ने हेडमास्टर को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की है। कहा कि अगर यूपी में किसी भी शिक्षक को राष्ट्रपति पुरस्कार देने का प्रस्ताव तैयार होता है तो बलिया के दुबहड़ का प्राइमरी स्कूल अमृतपाली के भी शिक्षण कार्यों का मूल्यांकन होना चाहिए।

जब लोगों की आईकान बन चुकीं इस विद्यालय की हेडमास्टर प्रतिमा उपाध्याय से बात की गई तो उन्होंने सहज अंदाज में सिर्फ इतना कहा कि मेरा सपना है कि इन गरीब बच्चों के हाथों में फावड़ा न दिया जाए, यह बच्चे आईएएस और आईपीएस बनकर प्राइमरी शिक्षा का नाम रोशन करें।



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