भाजपा की सूची ने मचाई सियासी हलचल

0गाजीपुर लोकसभा से फाइनल नहीं हुआ उम्मीदवार

0अभिनव सिन्हा के नाम की होती रही काफी चर्चा

0अगर अभिनव नहीं लड़े तो राजपूत होगा दावेदार

गाजीपुर। भाजपा की ओर से देश समेत यूपी के 195 उम्मीदवारों की सूची में गाजीपुर, बलिया और मऊ के उम्मीदवारों का नाम नहीं होने से सर्वाधिक हलचल जिले में देखी जा रही है।

गाजीपुर लोकसभा सीट से अभिनव सिन्हा का नाम फाइनल बताया जा रहा था, मगर सूची में नाम नहीं होने के बाद अब दूसरी सूची का इंतजार किया जा रहा है। अगर अभिनव सिन्हा को टिकट नहीं मिला तो सीधे तौर राजपूत या फिर यादव चेहरे पर भाजपा दाव लगा सकती है।

मनोज सिन्हा के जम्मू एवं कश्मीर का एलजी होने के कारण भाजपा ने अभी तक लोकसभा प्रत्याशी के किसी भी नाम को फाइनल नहीं किया है। ऐसा माना जा रहा था कि उम्मीदवार के तौर पर उनके बेटे अभिनव सिन्हा मैदान में होंगे। अभिनव सिन्हा बीते दो वर्ष से हर गली मुहल्ले में दिखाई देते थे। उनके बड़े बड़े पोस्टर उनकी उम्मीदवारी को पुख्ता कर रहे थे।

यहां भी दावे किए जा रहे थे। भाजपा के नेता भी दबी जुबान से अभिनव का नाम मानकर चल रहे थे। जब 195 उम्मीदवारों की सूची आई और उसमें यूपी की अधिकांश सीटों पर नाम फाइनल हो गए, तब गाजीपुर के लोग हैरान हो गए। आखिर गाजीपुर सीट पर वह कौन सा पेंच फंसा है जिसकी वजह से भाजपा नाम फाइनल करने में देरी कर रही है।

यहां सपा ने अफजाल अंसारी को उम्मीदवार बनाया है। अफजाल के मुकाबले ही कोई भारी भरकम चेहरा मैदान में आएगा। ऐसी चर्चा थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अभिनव सिन्हा को लेकर परिवाद की वजह से भाजपा कदम पीछे खिंच रही है। मगर शीर्ष नेतृत्व के एक बयान से यह साफ कर दिया कि टैलेंट के आधार पर नेताओं के वारिश अगर मैदान में आ रहे हैं, ऐसे लोगों को टिकट दिया जाएगा।

अब सवाल उठता है कि अभिनव को भाजपा ने उम्मीदवार नहीं बनाया तो आखिर वह चेहरा कौन होगा। इस पर चर्चा जब की गई तो राजपूत चेहरे के तौर पर विशाल सिंह चंचल, महिला प्रत्याशी के रूप में पूर्व विधायक सुनीता सिंह, जिपं चेयरमैन सपना सिंह, ब्राम्हण में इकलौते पूर्व मंत्री विजय मिश्रा का नाम शामिल है। यादव प्रत्याशी में देखा जाए तो प्रो. शोभनाथ यादव, डा. संतोष यादव, डा. विजय यादव के अलावा कुशवाहा में सरोज कुशवाहा के नाम की चर्चा हो रही है।

अगर दूसरे दल से किसी चेहरे पर भाजपा दाव लगाना चाहेगी तो पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा चुनाव लड़ सकते हैं। कुशवाहा समाज में उनकी अच्छी खासी पैठ है। वह चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर सपा ने अफजाल को मैदान में उतार दिया। अगर उमाशंकर भाजपा में आ जाएं तो हैरान नहीं होना चाहिए। वह पूर्व में भाजपा में थे, एक नेता की वजह से भाजपा छोड़कर सपा के साथ चले गए।

आजकल अफजाल की गाड़ी में उमाशंकर ही बैठ रहे हैं। इसके अलावा बलिया लोकसभा से भाजपा में सांसद वीरेंद्र सिंह, नीरज शेखर, नागेंद्र पांडेय और पूर्व उपेंद्र तिवारी के नाम की चर्चा हो रही है। जिसमें वीरेंद्र सिंह मस्त सबसे आगे चल रहे हैं।



अन्य समाचार