कजरारी आंखों में काली घटा का काजल...

सेवराई। दबंग आवाज

नसीम खान

गहमर गांव के इंटर कॉलेज में शनिवार को अखिल भारतीय साहित्यकार एवं कवि सम्मेलन का भव्य आगाज किया गया। पहले दिन के कार्यक्रम में देश के विभिन्न कोने से आए साहित्यकारों एवं कवियों ने अपनी अपनी रचना प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया।

रात्रि 1 बजे तक उपस्थित श्रोताओं ने प्रत्येक कवियों की कविताओं को अंतर्मन से सुना। कार्यक्रम का श्री गणेश मां सरस्वती की वंदना से हुआ। भोपाल से आये कवि अरुण अर्णव खरे की रचना जिंदगी का हर शेर मैंने एक से एक बढ़कर लिखा था, पर मशहूर वो हुआ जो तेरी आंखों में पढ़ कर लिखा था।

पश्चिम बंगाल से आई कवियत्री वर्णाली बनर्जी की रचना कजरारी आंखों में काली घटा का काजल लगाने के बाद खुशनुमा फिजाओं का मौसम आया बारिश झड़ जाने के बाद। तत्पश्चात मौके की नजाकत को देखते हुए संचालक ने ललितपुर से पधारे ओज के सुपरिचित कवि पंकज अंगार को जब आवाज दिया तो पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा। पंकज अंगार ने देशभक्ति की कविताओं को पढ़कर माहौल को काफी गंभीर कर दिया।

कश्मीर की धरती से आई डॉक्टर बीना बुंदकी ने मेरा घर खो गया है सोचा देखो वह कमरा जहां बन के आई थी दुल्हन वहां तो अब सिर्फ पिंजर ही पिंजर है सुनकर मंच को गरिमामयी बना दिया। माहौल को हंसी एवं ठहाकों के बीच लाने के लिए संचालक ने हास्य व्यंग के सुप्रसिद्ध कवि फजीहत गहमरी को आवाज दी तो पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। फजीहत गहमरी ने कई हास्य की कविताओं से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।

वहीं उनकी कविता जो देशद्रोही हो उसे सूली चढ़ाइए पत्थर चलाने वालों पर गोली चलाईये सुना कर खूब वाहवाही लूटी। आगरा की धरती से आई कवयित्री सविता मिश्र अक्षजा की समसायिक रचना रावण सपरिवार धु धू कर जल रहा था पैसों की बर्बादी देख कर हमें दुख हो रहा था, हमने झट प्रभु को याद किया और कहा हे राम सतयुगी रावण का किया संहार आओ फिर कलयुग में कर दो इन सभी पापियों का उद्धार, सुना कर मंच का उचाई प्रदान की।

मंच का सफल संचालन कर रहे मिथलेश गहमरी की रचना जिस दिए से न रौशन हो इंसानियत, है ये लाजिम की उसको बुझा दीजिये। होलियां अब लहू की बहुत हो चुकी है, जरूरत दिलो को मिला दीजिये। इसके अलावा बलदेव तिवारी, नीतू गुप्ता,पुष्करणा जी,रमेश सैनी,विनोद कैमुरी, दिलीप तेतरवे आदि कवियों ने अपने काव्य पाठ से मंच को काफी उचाई प्रदान की। अंत मे कार्यक्रम के आयोजक अखंड गहमरी ने उपस्थित रचनाकारों एव श्रोताओं का आभार जताया।



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