बारिश ने कश्मीर में फिर मचाई तबाही

श्रीनगर। जबरदस्त बारिश के कारण जम्मू कश्मीर फिर से बेहाल है। भयानक बारिश लगातार तबाही मचा रही है। अभी इससे मुक्ति मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। लगातार बादल भी फट रहे हैं। कई इलाके पानी में लगातार डूबते जा रहे हैं। अब तो अमरनाथ यात्रा भी खराब मौसम के कारण बुरी तरह से प्रभावित होने लगी है।

बारिश ने एक बार फिर कश्मीर में तबाही मचाई है। वीरवार को नोबरा में बादल फटने से 7 लोग लापता हैं। वहीं, लेह-मनाली रोड पर हिमस्खलन होने पर 130 टूरिस्ट फंस गए। इन्हें प्रशासन ने रात में ही करीब 15 किमी पैदल चलाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। नोबरा इलाके में बादल फटने से लापता हुए सात लोगों की तलाश की जा रही है। श्रीनगर में कई स्थानों पर पानी जमा हो गया है। वहीं, मौसम की खराबी के कारण गुरुवार को रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर को लेह दौरा टालना पड़ा था।

बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा के 22वें दिन कुछ स्थानों पर परेशानी आई। बुधवार देर रात यात्रा मार्ग पर शेषनाग कैम्प में गैस सिलेंडर लीक होने से एक टेंट में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने आसपास के टेंटों को भी चपेट में ले लिया। सेना ने आग पर काबू पाया।

दूसरी ओर खराब मौसम का असर अब अमरनाथ यात्रा पर भी बुरी तरह से पड़ने लगा है। अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर लगे शिविर अब खाली होने लगे हैं। कई चाय-नाश्ते की दुकानों के साथ लंगर भी बंद हो गए हैं। खराब मौसम और बिगड़े हालतों की खबरों के बाद बड़ी संख्या में यात्रियों ने यात्रा रद्द करनी शुरू कर दी है। इसके चलते टेंट और घोड़े वालों ने कीमतें घटा दीं। पहले टेंट में रात बिताने के लिए 500 रुपए देने पड़ रहे थे, वहीं अब 100 रुपए लिए जा रहे हैं। घोड़े वाले भी 4 हजार की बजाय एक हजार ले रहे हैं।

यात्रा मार्ग पर लंगर लगाने वाले एक लंगर संचालक ने बताया कि हर बार हम लंगर लगाते हैं। इस बार मौसम खराब होने की खबरों के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने यात्रा रद्द कर दी है। इसके चलते अब यात्रा पर अनुमानित लोगों से आधे भी नहीं पहुंच रहे हैं। यहां ऊंचे दामों में मिलने वाली सेवाएं अब आधी से कम कीमत में मिल रही हैं।

कई लंगरों का लक्ष्य 3 हजार लोगों का था, वहां 400-500 लोग पहुंच रहे हैं। 59 दिनी यात्रा 2 जुलाई से शुरू हुई है। अभी 22 दिन ही हुए हैं और लोगों की संख्या में खासी कमी आ गई है। कई लोग कई सालों से यात्रा में आ रहे हैं। मौसम खराब होने के दौरान श्रद्धालुओं को इस बार खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि इस बार अमरनाथ यात्रा में न ही अव्यवस्था और न ही आतंकी खलल है सिवाय प्राकृतिक खलल के।



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