यहाँ बस रही है अघोरियों की अनोखी दुनिया

मुंबई। 14 जुलाई से शुरू हुए नासिक कुंभ में हर दिन भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। 12 साल में आयोजित होने वाले इस आयोजन के रंग देखते ही बन रहे हैं। कुंभ में मुख्य आर्कषण का केंद्र नागा साधु और अघोरी हैं।

यहां इनकी रहस्यमयी दुनिया बस गई है। जिन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है। ये अपनी अनोखी साधना में व्यस्त हैं। कई विदेशी सैलानी भी मेले में पहुंचे हैं। 58 दिन तक चलने वाला यह उत्सव 11 अगस्त को खत्म होगा। इस दौरान यहां करीब चार करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान हैं।

. त्र्यंबकेश्वर में शाही स्नान 29 अगस्त, 13 और 25 सितंबर को होना है। कुंभ मेले का आयोजन देश में चार स्थान हरिद्वार, इलाहाबाद (प्रयाग), नासिक और उज्जैन में होता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त अमृत के कुंभ से इन चारों स्थानों पर अमृत की कुछ बूंदें गिर गई थीं। कुंभ की अवधि में इन पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से प्राणी मात्र के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। नासिक में 315 एकड़ से अधिक बड़े स्थान पर साधुओं के रहने के लिए ‘साधू ग्राम’ तैयार किया है। इस ‘साधू ग्राम’ में सैकड़ों तंबू लगाए गए हैं और शौचालयों, 24 घंटे पेयजल, एलपीजी सिलिंडरों और बिजली की व्यवस्था की गई है।



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