कबाड़ हो जाएंगे इंजीनियरिंग कॉलेज: 10-10 स्टूडेंट भी नहीं मिले

जबलपुर। शहर के आधा दर्जन इंजीनियरिंग कॉलेज कबाड़ होने की कगार पर हैं। पहले राउंड में इन कॉलेजों को 10-10 स्टूडेंट्स भी नहीं मिले। कुल 8500 सीटों के लिए मात्र 3000 स्टूडेंट्स ने इंक्वारी की है उसमें से 1500 एडमिशन का अनुमान है। मप्र का भी यही हाल है। करीब 40 हजार स्टूडेंट ने ऑनलाइन एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। इसमें महज 30 हजार ने च्वाइस फिलिंग की।

जबलपुर के 21 कॉलेजों में तकरीबन 8500 इंजीनियरिंग की सीट है। पहले राउंड में 2971 स्टूडेंट को सीट अलॉटमेंट हुआ। यानी इतने ही स्टूडेंट ने च्वाइस दी थी। लगभग हर स्टूडेंट को पहले ही राउंड में कॉलेज अलॉट हुए। 16 जुलाई तक स्टूडेंट को कॉलेज में रिपोर्ट कर एडमिशन लेना है। इसके बाद अपग्रेडेशन की प्रक्रिया होगी। यानी स्टूडेंट पसंद के कॉलेज नहीं मिलने पर दूसरे राउंड का विकल्प चुन सकता है।

ये रहे ताजा हालात: कॉलेज का नाम/च्वाइस फिलिंग/कुल सीटें

विध्या इंस्टीट्यूट - 08/300
तक्षशिला इंजीनियरिंग 64/450
संत अलायसियस इंजीनियरिंग 19/360
रावतपुरा सरकार इंजीनियरिंग 02/420
श्रीराम इंजीनियरिंग -1: 461/660
श्रीराम इंजीनियरिंग-2: 201/480
श्रीराम इंजीनियरिंग-3: 47/390
एसजीबीएम इंजीनियरिंग 01/360
सरस्वती इंजीनियरिंग 00/360
राधास्वामी इंजीनियरिंग 00/360
ओरियंटल इंजीनियरिंग 26/360
लक्ष्मीबाई साहू इंजीनियरिंग 02/360
एलएनसीटी इंजीनियरिंग 20/300
जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज 560/560
हितकारिणी इंजीनियरिंग 181/300
खालसा इंजीनियरिंग 19/420
ज्ञानगंगा इंजीनियरिंग -1: 724/840
ज्ञानगंगा इंजीनियरिंग-2: 238/480
ग्लोबल इंजीनियरिंग 398/540



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