पितृ पक्ष में बरतें सावधानी

ग़ाज़ीपुर। दबंग आवाज

पितृपक्ष शुरू हो चुके है और ऐसा माना जाता है कि इस दौरान हमारे पितर धरती पर आकर हमें आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे पितृ पशु पक्षियों के माध्यम से हमारे निकट आते हैं और गाय, कुत्ता, कौवा और चींटी के माध्यम से पितृ आहार ग्रहण करते हैं।

श्राद्ध के समय पितरों के लिए भी आहार का एक अंश निकाला जाता है, तभी श्राद्ध कर्म पूरा होता है। श्राद्ध करते समय पितरों को अर्पित करने वाले भोजन के पांच अंश निकाले जाते हैं गाय, कुत्ता, चींटी, कौवा और देवताओं के लिए।

इन पांच जीवों का ही चुनाव क्यों किया गया है

कुत्ता जल तत्त्व का प्रतीक है, चींटी अग्नि तत्व का, कौवा वायु तत्व का, गाय पृथ्वी तत्व का और देवता आकाश तत्व का प्रतीक हैं। इस प्रकार इन पांचों को आहार देकर हम पंच तत्वों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।. केवल गाय में ही एक साथ पांच तत्व पाए जाते हैं। इसलिए पितृ पक्ष में गाय की सेवा विशेष फलदाई होती है।



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