टिकट के लिए अपनों की घेराबंदी

0पूर्वांचल की चर्चित सीटों में शामिल हुई बलिया लोकसभा

0सांसद का टिकट कटने की आशंका से बढ़ी नेताओं की संख्या

0नागेंद्र पांडेय की सियासी गतिविधियां बनी चर्चा का विषय

0पूर्वांचल में कई सांसदों का टिकट काट सकती है भाजपा

बहादुरगंज, गाजीपुर।

विमलेश तिवारी

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की परंपरागत लोकसभा सीट रही बलिया पूरे पूर्वांचल में एक बार फिर चर्चा में है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के एलान के बाद सियासी गतिविधियां इस लोकसभा क्षेत्र में बढ़ गई हैं। बलिया सांसद भरत सिंह के टिकट कटने की आशंका के बाद करीब आठ सुरमा अपनी अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं। इसमें बलिया टीडी कालेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रहे नागेंद्र पांडेय संसदीय क्षेत्र में बढ़ रही गतिविधियां सियासी जगत में चर्चा में है।

देश में लोकसभा चुनाव का भविष्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणाम तय करेंगे। ऐसे भी अगर समय से चुनाव कराया जाए तो चार माह का वक्त अभी बचा हुआ है। पूर्वांचल में वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ और बलिया लोकसभा की ऐसी सीटें हैं, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। पूर्व मंत्री एवं बलिया सांसद भरत सिंह का खराब होता स्वास्थ्य एवं कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज जाने के कारण उनके टिकट कटने की चर्चा है। भरत सिंह के टिकट कटने की पुख्ता जानकारी के बाद बलिया संसदीय क्षेत्र में नेताओं की बाढ़ सी आ गई है। हालांकि अपने टिकट कटने से बेपरवाह सांसद भरत सिंह लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं। इधर अपनी अपनी दावेदारी मजबूत पेश करने के लिए पूरे बलिया लोकसभा क्षेत्र में नेताओं के होर्डिंग बैनर लग गए हैं। डाला छठ एवं दीपावली की बधाई दी जा रही हैं।

फेसबुक और वाटसएप पर नेताओं के लगातार मैसेज आ रहे हैं। अब तक बलिया संसदीय सीट पर भाजपा की तरफ से सांसद भरत सिंह, छात्र नेता नागेंद्र पांडेय, रामइकबाल सिंह, केतकी सिंह, राजधारी सिंह, लवलेश सिंह, रामप्रताप सिंह पिंटू, दयाशंकर सिंह अपनी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। इन दावेदारों में अगर सबसे अधिक चर्चा है तो छात्र नेता नागेंद्र पांडेय की। वह लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं। रोजाना उनकी वाटसएप और फेसबुक पर फोटो वायरल हो रही है। कभी जहूराबाद तो कभी मुहम्मदाबाद के साथ ही फेफना और अन्य विधानसभाओं में उनके आने की आहट को कार्यकर्ता जान लेते हैं। अब सवाल उठता है कि बलिया में दावेदारों की बाढ़ के बीच क्या सांसद भरत सिंह का टिकट कटेगा।

इस सवाल पर भारत एकता टाइम्स के ब्यूरो चीफ अजीत सिंह ने भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि टिकट पर सीधे केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना है। इसलिए अभी सब कुछ कयासबाजी ही मानी जाएगी। कार्यकर्ता अगर पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं तो विरोधियों को इससे सबक लेनी चाहिए। अन्य दलों में टिकट को लेकर कोई मारामारी नहीं है। आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार पीएम बनकर देश में रामराज लाएंगे।

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सांसद ही होंगे अगले उम्मीदवारीःतिवारी

गाजीपुर। बलिया सांसद भरत सिंह के जहूराबाद प्रतिनिधि एवं भाजपा के जिला महामंत्री पंडित श्यामराज तिवारी इसे सिरे खारिज कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि भरत सिंह जैसे जनप्रतिनिधि कम मिलेंगे। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कुछ किया है। टिकट कटने को लेकर कुछ लोग साजिश कर रहे हैं। किसी भी सांसद के टिकट पर अंतिम निर्णय केंद्रीय संसदीय बोर्ड करेगा।



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