डॉ. अब्दुल कलाम के 11 सिद्धान्त, जिन्हें देश रखेगा हमेशा याद

नई दिल्ली: डॉ. अब्दुल कलाम न केवल एक महान विचारक, विद्वान, विज्ञानविद और उच्च कोटी के मनुष्य थे, बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व भी थे। उन्होंने अपने जीवन की उपलब्धियों से भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने की सदा कोशिश की और अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी वह शिलांग के प्रबंधन संस्थान में यही काम कर रहे थे। सही मायनों में इस महर्षि ने अपना जीवन भारत माता को समर्पित कर दिया था। आइए जानें उनके 11 सिद्धांत जिन्हें देश सदा याद रखेगा -

1- जो लोग जिम्मेदार, सरल, ईमानदार एवं मेहनती होते हैं, उन्हे ईश्वर द्वारा विशेष सम्मान मिलता है, क्योंकि वे इस धरती पर उसकी श्रेष्ठ रचना हैं।

2- सदा कोशिश करो की दूसरों के जीवन में उजाला लाओ।

3- दूसरों का आशीर्वाद प्राप्त करो, माता-पिता की सेवा करो, बड़ों तथा शिक्षकों का आदर करो और अपने देश से प्रेम करो, क्योंकि इनके बिना जीवन अर्थहीन है।

4- देना सबसे उच्च एवं श्रेष्ठ गुण है,, परन्तु उसे पूर्णता देने के लिये उसके साथ इंसान में क्षमा करने का गुण भी होना चाहिए।

5- कम से कम दो गरीब बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी शिक्षा में मदद करो।

6- सरलता और परिश्रम का मार्ग अपनाओ, जो सफलता का एक मात्र रास्ता है।

7- प्रकृति से सीखो, क्योंकि जीवन के सभी रहस्य वहीं छिपे हुए हैं।

8- हमें मुस्कराहट का परिधान जरूर पहनना चाहिए तथा उसे सुरक्षित रखने के लिये अपनी आत्मा को गुणों का परिधान पहनाना चाहिये।

9- समय, धैर्य तथा प्रकृति, सभी प्रकार की पीड़ाओं को दूर करने वाले और सभी प्रकार के ज़ख्मों को भरने वाले बेहतर चिकित्सक हैं।

10- अपने जीवन में उच्चतम एवं श्रेष्ठ लक्ष्य रखो और उसे प्राप्त करो।

11- प्रत्येक क्षण रचनात्मकता का क्षण है, उसे व्यर्थ मत करो।



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