राधेमोहन का सियासी बम!

नेताजी के आर्शीवाद ने जमानियां का बढ़ाया सियासी पारा

0राधेमोहन सिंह के सिर पर मुलायम ने रखा हाथ

0दर्द दिया है तो नेताजी ही दवा देंगेःराधेमोहन सिंह

011 वर्ष बाद सियासी वनवास खत्म होने की उम्मीद

02009 से 2014 तक जिले के सांसद थे राधेमोहन

किस्सा कुर्सी

अजीत सिंह,गाजीपुर। वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जमानियां का सियासी पारा धीरे धीरे गरम होना शुरू हो गया है। नेता जी यानि मुलायम सिंह यादव ने जिस अंदाज में पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह के सिर पर हाथ रखकर आर्शीवाद दिया, वह सियासी जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मुलायम सिंह से मिलने के बाद चेहरे पर सियासी मुस्कान लेकर बाहर निकले राधेमोहन सिंह ने कहा कि जिस तरह से उन्हें दर्द मिला था, उसी तरह अब दवा मिलने की उम्मीद जाग उठी है। उन्होंने सधे हुए अंदाज में कहा कि वह 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यह पार्टी तय करेगी कि वह कहां से लड़ेंगे। लेकिन चर्चा तेज हो गई है कि वह अपने लिए सबसे सुरक्षित और जीताऊ के साथ टिकाऊ सीट जमानियां को मानकर चल रहे हैं। इससे सपा के एक कद्दावर नेता की मुश्किल बढ़ सकती है।

2009 से लेकर 2014 तक सपा के टिकट पर गाजीपुर के सांसद रहे राधेमोहन सिंह का कार्यकाल बेहद शानदार रहा। उन्होंने अपने कार्यकाल में नगर के रौजा रेलवे क्रासिंग पर जाम के झाम को समाप्त कराते हुए जिले को पहला ओवरब्रिज दिया था। यह उनके सियासी कद को काफी आगे बढ़ा दिया था।

यही नहीं रोजगार के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए पहली बार राधेमोहन सिंह ने जिले में सेना की भर्ती कराकर युवाओं के दिलों में खूब राज किया। सपा में अचानक राधेमोहन सिंह का बढ़ा कद कुछ लोगों को रास नहीं आया। राधेमोहन सिंह राजपूतों के सर्वमान्य नेता बनकर उभरे थे।

लेकिन जब 2014 का लोकसभा चुनाव आया तो कुछ लोगों ने राजनीति करके उनका टिकट कटवा दिया। उस समय यूपी के सीएम अखिलेश यादव थे। अखिलेश यादव भी यह समझ नहीं पाए थे कि राधेमोहन सिंह का टिकट कटने से सपा को सियासी फायेदा होगा या नुकसान।

एैन वक्त पर उनका टिकट कट गया और शिवकन्या को आननफानन में सपा ने टिकट दे दिया। लेकिन मोदी लहर में शिवकन्या बुरी तरह से मनोज सिन्हा से चुनाव हार गईं। इसके बाद धीरे धीरे राधेमोहन सिंह का सपा में कद घटता गया। टिकट कटने से आहत राधेमोहन सिंह ने अखिलेश से मुलाकात की और अपनी व्यथा बताई। अखिलेश ने कहा कि आप शिवकन्या को जीताइए।

आपको पार्टी कहीं समायोजित करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब 2019 का लोकसभा चुनाव आया तो सपा बसपा के गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में चली गई और अफजाल अंसारी गाजीपुर के सांसद बन गए। अब 2022 का विधानसभा चुनाव आ रहा है।

सपा के सूत्रों की मानें तो इस बार सपा अपने पूर्व सांसदों को भी विधानसभा का टिकट देगी। इधर लगातार राधेमोहन अपने लिए जमानियां को सबसे सुरक्षित सीट मानकर प्रचार कर रहे हैं। उनका बार बार जमानियां जाना इस बात को और मजबूत प्रदान कर रहा है कि वह आने वाले दिनों में सपा के शीर्ष नेतृत्व से जमानियां के लिए टिकट मांग सकते हैं।

इसी बीच वह बीते रविवार को लखनऊ गए और नेताजी से आर्शीवाद मांगे। नेताजी के पास वह करीब एक घंटे तक बैठे रहे। इस दौरान पार्टी के कुछ दिग्गज नेता भी मौजूद रहे। जैसे ही नेता जी और राधेमोहन सिंह की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो कुछ लोगों की सांसें टंग गईं। उन्हें इस बात का भय है कि कहीं उनकी सीट पर राधेमोहन सिंह कब्जा न कर लें। अगर सपा राधेमोहन सिंह को मैदान में उतारती है तो सीधे सीधे सपा को बड़ा फायेदा होगा।



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