मंदिर तोड़ने का विरोध, एक हुए हिन्दू मुस्लिम, तोड़ डाली 13 बसें

लक्ष्मी नगर के प्रियदर्शिनी विहार में मंदिर तोड़ने आए डीडीए दस्ते व पुलिस को भीड़ का भारी विरोध झेलना पड़ा। लोगों ने पुलिस व डीडीए दस्ते को मंदिर परिसर में नहीं घुसने दिया। नाराज भीड़ ने विकास मार्ग पर डीटीसी की 13 बसों में तोड़फोड़ कर दस्ते के साथ आईं दो जेसीबी मशीनों पर भी अपना गुस्सा उतारा। लोगों ने टायर जलाकर आगजनी भी की। भीड़ के आक्रोश को देखते हुए डीडीए दस्ते को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा। मंदिर तोड़ने का विरोध कर रहे लोगों के समर्थन में कई नेता व साधू भी पहुंचे। पुलिस के मुताबिक हाईकोर्ट ने करीब एक हजार गज में बने ए-ब्लॉक, प्रियदर्शिनी विहार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर व सत्संग भवन को तोड़ने का आदेश दिया था।

3 सितंबर को डीडीए दस्ते ने चुपचाप परिसर में बने सत्संग भवन को तोड़ भी दिया था। मंगलवार और बुधवार को मंदिर तोड़ना था। इसी के विरोध में मंगलवार सुबह 8.00 बजे लोगों की भारी भीड़ परिसर के आसपास इकट्ठा हो गई।

लोगों ने लक्ष्मी नगर मार्केट भी पूरी तरह बंद रखा। सुबह करीब 9.30 बजे जैसे ही डीडीए दस्ता व पुलिस मौके पर पहुंची। उन्हें भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने लक्ष्मी नगर मार्केट रोड पर जगह-जगह टायर जलाकर आगजनी भी की।गुस्साई भीड़ ने पहले डिस्यूज कैनाल रोड पर डीडीए की दो जेसीबी मशीनें तोड़ दीं। इसके बाद विकास मार्ग पर 10 डीटीसी और क्लस्टर बस के शीशे तोड़ दिए। हालात को देखते हुए पुलिस बल बुला लिया गया। दिनभर पूरा इलाका छावनी में तब्दील रहा। इधर, मंदिर तोड़े जाने का विरोध करने के लिए नेताओं और साधुओं ने परिसर में डेरा डाल लिया। साध्वी प्राची ने भी मंदिर पहुंचकर स्थानीय लोगों का समर्थन किया। पूर्वी दिल्ली की पुरानी कॉलोनियों में से एक प्रियदर्शिनी विहार में डीडीए ने स्कूल के लिए करीब एक हजार गज का प्लॉट सोसायटी को दिया था। आसपास कई स्कूल बनने की वजह से स्थानीय लोगों ने आम सहमति से इस प्लॉट पर लक्ष्मी नारायण मंदिर व सत्संग भवन का निर्माण कर दिया। प्रियदर्शिनी विहार के ही रहने वाले आईके मित्तल नामक शख्स ने हाईकोर्ट में पीआईएल डालकर मंदिर बनने का विरोध किया। उसका कहना था कि लैंडयूज बदलकर मंदिर का निर्माण कर दिया गया।हाईकोर्ट ने मंदिर तोड़ने का आदेश दिया था। 3 तीन सितंबर को सत्संग भवन तोड़ा गया। लोगों ने 4 सितंबर को हाईकोर्ट से दोबारा अपील की जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया था।

मंदिर तोड़े जाने का विरोध करने वाले लोगों में बड़ी संख्या में मुस्लिम भी पहुंचे। हिंदू-मुस्लिम एकता को कायम करने के लिए आराम पार्क और लक्ष्मी नगर से आए मुस्लिमों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को पानी बंटवाया।

मौके पर मौजूद हाजी खालिद सैफी ने बताया कि धर्म इंसान की मां की तरह होता है। जिस तरह लोग अपनी मां से प्यार करते हैं ठीक उसी तरह धर्म से भी प्यार होता है।हम नहीं चाहते कि कोई भी सरकार किसी के भी धर्मिक स्थल को तोड़े। हाजी असलम ने बताया कि आस्था से ज्यादा कीमती प्लॉट नहीं हो सकता है। अगर डीडीए को लगता है कि जमीन को घेर लिया गया है तो वह उसकी कीमत ले ले।

इलाके के लोग मंदिर की जगह के लिए पैसे भी देने को तैयार हैं। हाजी नसीम ने बताया कि अगर मंदिर को हाथ लगाया गया तो देश भर से लोग आंदोलन में भाग लेने आएंगे।



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